देशभक्ति




Source- SulekhaRivr


मैं एक ऐसी भावना हूँ
जो सिजनेबल है ,
वो अवस्था जो कभी कभार
लोगों के दिलों में आती है,
कहने को मेरा कद बहुत ऊँचा है
परन्तु मेरा अस्तित्व
या तो सरहद पर सैनिकों में है
या फिर कुछ भले देशवासियों में |

साल में एक दो बार सारे लोग
मुझे अपने अन्दर बसा लेते हैं,
उसके बाद में खो जाती हूँ
किसी अधूरे सपने की तरह,
किन्तु भला हो उन लोगों का
जो कुछ घटनाओं पर भी
मुझे फिर जीवित कर के
सरकार को परेशान करते हैं |

सारे देश के नेतागण यंहा
मेरी आड़ में वाहवाही लुटते हैं,
जुमलेबाजी और आरोप प्रत्यारोप
हकीक़त के नाम पर जीरो ,
ऐसे ही अगर आप लोग
मुझे भूलते रहेंगे तो याद रखना,
मैं भी एक दिन खो जाउंगी
चुनावी वादों की तरह |


                               - आपकी अपनी
                                                    देशभक्ति

                                              
   .....कमलेश.....

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