तुझे याद करना भूल गया था ।



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आज मेरे कमरे ने मुझसे हंसकर बात नही की
आज बिस्तर ने उठकर मुझे गले भी नहीं लगाया
आज कम्बल ने बेशर्मी से मुझको ओढा नही
आज मैं शायद तुझे याद करना भूल गया था |

आज मेरे शीशे ने मेरी सूरत को नही देखा 
आज मेरी कलम ने मुझसे कुछ लिखा नही
आज मेरे लिबास ने मुझको पहना ही नही
आज मैं शायद तुझे याद करना भूल गया था |

आज मेरी ग़ज़ल ने मुझे पढने से इनकार किया
आज मेरे चश्मे ने मेरी आँखों को धुंधला किया
आज मेरे हाथ खुदा की इबादत से मुकर गए
आज मैं शायद तुझे याद करना भूल गया था |

आज मेरी चाय आप ही बेस्वाद हो गयी
आज मेरी खाने से ज़रा अनबन हो गयी
आज घडी ने मेरा वक़्त मुझे नही लौटाया
आज मैं शायद तुझे याद करना भूल गया था |

                                         .....कमलेश..... 

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